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Tuesday 24 November 2015

बने दूल्हा मयूर , दुल्हन बानी दिशा वाकाणी ,शादी के बंधन में बंदी तारक मेहता का उल्टा चश्मा की दया भाभी (दिशा वाकाणी )/ www.tazakhabar-aajki.blogspot.com

                                     दया भाभी का विवाह 





*  तारक मेहता का उल्टा चश्मा की दया भाभी (दिशा  वाकाणी )अब शादी के बंधन में बंद गई हे
24 नवंबर 2015 को सुबह 11 बजे उनकी शादी मुंबई बेस्ड गुजराती बिजनेसमैन मयूर से हुई
दूल्हा बने मयूर बरात लेकर दिशा के द्वार पर पहुंचे और दिशा की बड़ी बहन खुशाली और बाकी फैमिली मेंबर्स ने उनका स्वागत किया। शादी के दौरान सिर्फ दिशा और मयूर के फैमिली मेबर्स और रिश्तेदार ही मौजूद रहे।
बता दें कि दिशा वाकाणी को 'तारक मेहता का उल्टा चश्मा' में दया भाभी के किरदार से इतनी पॉपुलैरिटी मिली कि आज लोग उन्हें उनके असली नाम की जगह ऑनस्क्रीन नाम से ही ज्यादा जानते हैं।






दिन में दो बार डूबता है अरब सागर में बना यह शिव मंदिर, / www.tazakhabar-aajki.blogspot.com

दिन में दो बार डूबता है अरब सागर में बना यह शिव मंदिर, 



                                        ज्वारभाटा   उठने के पहले       ज्वारभाटा  उठने के बाद                                                

                                       




बडोदरा (गुजरात) हिंदू धर्म में तैतीस करोड़ देवी-देवताओं का उल्लेख है, जिसमें सबसे ज्यादा आराधना देवों के देव महादेव की ही होती है। इसी क्रम में हम बात कर रहे हैं गुजरात में स्थित एक अनोखे मंदिर की। यूं तो भारत में भगवान शिव के हजारों मंदिर हैं। लेकिन, गुजरात में वडोदरा से 85 किमी दूर स्थित जंबूसर तहसील के कावी-कंबोई गांव का यह मंदिर अलग ही विशेषता रखता है।

दिन में दो बार चला जाता है अरब सागर की गोद में:
स्तंभेश्वर नाम का यह मंदिर दिन में दो बार सुबह और शाम को पल भर के लिए ओझल हो जाता है और कुछ देर बाद अपने उसी जगह वापिस भी जाता है। ऐसा ज्वारभाटा उठने के कारण होता है। इसके चलते आप मंदिर के शिवलिंग के दर्शन तभी कर सकते हैं, जब समुद्र में ज्वार कम हो। क्योंकि ज्वार के समय शिवलिंग पूरी तरह से जलमग्न हो जाता है और मंदिर तक कोई नहीं पहुंच सकता। यह प्रक्रिया सदियों से चली आ रही है। मंदिर अरब सागर के मध्य कैम्बे तट पर स्थित है। इस तीर्थ का उल्लेख ‘श्री महाशिवपुराण’ में रुद्र संहिता भाग-2, अध्याय 11, पेज नं. 358 में मिलता है।
इस मंदिर की खोज लगभग 150 साल पहले हुई। मंदिर में स्थित शिवलिंग का आकार 4 फुट ऊंचा और दो फुट के व्यास वाला है। इस प्राचीन मंदिर के पीछे अरब सागर का सुंदर नजारा नजर आता है। यहां आने वाले श्रद्धालुओं के लिए खासतौर से परचे बांटे जाते हैं, जिसमें ज्वार-भाटा आने का समय लिखा होता है. ऐसा इसलिए किया जाता है जिससे यहां आने वाले श्रद्धालुओं को परेशानियों का सामना न करना पड़े।
मान्यता:
राक्षक ताड़कासुर ने अपनी कठोर तपस्या से भगवान  शिव को प्रसन्न कर था। जब शिव जी उसके सामने प्रकट हुए तो उसने शिव से वरदान मांगा कि मेरी मृत्यु  सिर्फ आपके  पुत्र के हाथो से हो और वह छह दिन की आयु का। शिव ने उसे यह वरदान दे दिया था। वरदान मिलते ही ताड़कासुर ने हाहाकार मचा दिया। देवताओं और ऋषि-मुनियों को आतंकित कर दिया। अंतत: देवता महादेव की शरण में पहुंचे। शिव-शक्ति से श्वेत पर्वत के कुंड में उत्पन्न हुए कार्तिकेय के 6 मस्तिष्क, चार आंख, बारह हाथ थे। कार्तिकेय ने ही मात्र 6 दिन की आयु में ताड़कासुर का वध किया।
जब कार्तिकेय को पता चला कि ताड़कासुर भगवान शंकर का भक्त था। तो वे काफी व्यथित हुए। फिर भगवान विष्णु ने कार्तिकेय से कहा कि वे वधस्थल पर शिवालय बनवा दें। इससे उनका मन शांत होगा। भगवान कार्तिकेय ने ऐसा ही किया। फिर सभी देवताओं ने मिलकर महिसागर संगम तीर्थ पर विश्वनंदक स्तंभ की स्थापना की, जिसे आज स्तंभेश्वर तीर्थ के नाम से जाना जाता है।



Monday 23 November 2015

अखिल भारतीय सैनिक स्कूल रीवा में एडमिशन के लिए लास्ट डेट घोषित कर दी गई हे! सही जानकारी पड़ने के लिए क्लिक करे / www.tazakhabar-aajki.blogspot.com

अखिल भारतीय सैनिक स्कूल रीवा   में एडमिशन के लिए लास्ट डेट घोषित कर दी गई हे!



नोट- अन्य समाचार पत्र  में गलत जानकारी छापी  गई हे वेबसाइट का सही विवरण नीचे  दिया गया हे 



अखिल भारतीय सैनिक स्कूल रीवा में सत्र 2016-17 में   6 वी तथा 9वीं में एडमिशन के लिए आवेदन 30 नवम्बर तक कर सकेंगे । एडमिशन के लिए प्रवेश परीक्षा का आयोजन 3 जनवरी 2016 को होगा। स्कूल की जानकारी के लिए वेबसाइट  www.sainikschoolrewa.ac.in पर सर्च कर सकते हैं। कक्षा 6वीं के लिए जन्मतिथि 2 जुलाई 2005 से 1 जुलाई 2006 के बीच होना चाहिए तथा कक्षा 9वीं के लिए जन्म तिथि 2 जुलाई 2002 से 1 जुलाई 2003 के मध्य होना चाहिये !

और अधिक जानकारी के लिए - Phone - 07662-257109, 257113

Fax - 07662 - 254803

 email - info@sainikschoolrewa.ac.in   

Web site - www.sainikschoolrewa.ac.in



Sunday 22 November 2015

आज का दिन इतिहास में,/भारत में पहली बार राष्टमंडल सिखर सम्मेलन का आयोजन किया गया / www.tazakhabar-aajki.blogspot.com

                       आज का दिन इतिहास में, 

     * भारत में पहली बार राष्टमंडल सिखर सम्मेलन का आयोजन किया गया 


23 नवम्बर  1983 को देश में पहली बार  नई दिल्ली  में राष्ट्रमंडल सिखर सम्मलेन हुआ था 

इसकी अध्यक्षता भारत की तत्कालीन तथा तीसरी  प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने किया 

यह सम्मलेन 29 नवंबर तक चला समापन गोवा में हुआ इस सम्मलेन में 3  प्रमुख मुद्दो पर चर्चा हुई
*1 अमेरिका  द्वारा ग्रेनाड पर हमला
*2 दक्षिण अफ्रीका और क्यूबा की  सेना द्वारा नामीबिया पर कब्ज़ा करना
*3 अमेरिका और तत्कालीन सोवियत संघ के बीच परमाणु प्रतिस्पर्धा 




विशेष - सिखर सम्मलेन का आयोजन 2  वर्ष  में 1 बार किया  जाता हे !

                इस वर्ष  इसका आयोजन 27  से 29 नवंबर तक माल्टा में किया जायेगा 


आज का दिन इतिहास में /एक हत्याकांड जिसने बदल दी दुनिया22 नवंबर 1963 / www.tazakhabar-aajki.blogspot.com

                                            आज का दिन इतिहास में

                  एक हत्याकांड जिसने बदल दी दुनिया 22 नवंबर 1963 


  22 नवंबर 1963   को अमेरिका  के राष्ट्रपति  जॉन फ  केनेड्डी की हत्या हुई जो की                                               अमेरिका के 35 वे राष्ट्रपति थे 
                                    
                   राष्ट्रपति  American lieutenant and politician पार्टी से  नाता रखते थे 
     


                              यह वो  चेहरे जो राष्ट्रपति की हत्या के दोषी पाये गए 








  

  *     भारत का इतिहास 

22 नवंबर 1997  को डायना  हेडेन  ने मिस वर्ल्ड का ख़िताब जीता



अपने समाचार हमे भेजे  
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Friday 20 November 2015

आज का दिन इतिहास में,21 नवम्बर 1947 को स्वतंत्र भारत का पहला टिकिट जारी किया गाया / www.tazakhabar-aajki.blogspot.com


आज का दिन इतिहास में 


 

21 नवम्बर  1947 को स्वतंत्र भारत का पहला टिकिट जारी किया गाया था
इस टिकिट में  सबसे  ऊपर जय  हिन्द लिखा था ,  तिरंगा  झंडा बना था एवं  आजादी की तारीख 15 अगस्त 1947
लिखी थी , इसका   दाम  3 था

 इसके साथ अशोक   चिन्ह  बाला डगलस डीसी-4
एयरक्राप्ट बाला डाक टिकिट  जारी किया था 



-विशेष -

आजादी के बाद भारत  में महात्मा गांधी प्रथम व्यक्ति थे जिन पर डाक टिकिट  जारी  हुआ ! 

तथा भारत में सबसे अधिक उन्ही पर टिकिट जारी हुए हे 


हिंदुस्तान की दुल्हन ,पाकिस्तान का दूल्हा और लाइव देखी गई शादी / www.tazakhabar-aajki.blogspot.com

हिंदुस्तान की दुल्हन ,पाकिस्तान का दूल्हा और लाइव देखी गई शादी .




बूंदी। आखिर गुरुवार रात 9 बजे पाकिस्तान के कराची से आए दूल्हे दानिश का बूंदी की सलमा से निकाह हो गया। निकाह की रस्म अदा होते ही सभी ने एक-दूसरे को मुबारकबाद दी। निकाह की रस्म मौलाना गुलामे गौस ने अदा कराई। इस शादी में दूल्हे के कई रिश्तेदार बूंदी नहीं आ पाए थे, लेकिन उन्होंने वेब के जरिए निकाह का सीधा टेलीकास्ट लैपटॉप के माध्यम से सीधे पाकिस्तान हो रहा था।

हाईटेक तकनीक का फायदा यह रहा कि जो यहां नहीं आ पाए थे वे भी वहां बैठे ही शादी की सारी रस्मों से सीधे रूबरू हो सके। इससे पहले बह्मपुरी स्थित नुरूद्दीन एडवोकेट के आवास से बारात बाजे-गाजे के साथ विवाह स्थल के लिए रवाना हुई। रंगीन आतिशी धमाकों के साथ बारात जैतसागर रोड स्थित अरावली रिजॉर्ट पहुंची तो वहां पर दुल्हन पक्ष ने बारातियों पर पुष्पवर्षा कर फूलमालाओं से स्वागत किया। दूल्हा और दुल्हन पक्ष आपस में रिश्तेदार होने से दोनों ही पक्षों ने एक दूसरे का दिली स्वागत किया। दुल्हन के भाई कासिब ने बताया कि रात को ही दुल्हन को विदा करने की रस्म अदा होगी।

उल्लेखनीय है कि सरहद पार पाकिस्तान से 15 नवंबर को दानिश मेहमूद परिजनों के साथ बूंदी पहुंच गए थे और तब से अपने मामा एडवोकेट नुरूद्दीन के आवास पर ठहरे हुए थे। इससे पहले बुधवार रात उनकी मेहंदी की रस्म अदा हुई थी।


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